उत्तराधिकारी

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नगर में एक ही चर्चा चल रही है कि राजा अपने कौनसे पुत्र को आने वाले समय के लिए किसे राजा घोषित करेंगे लोगों में तरह तरह की बाते हो रही है सब दरबार जाने के लिए उत्सुक हैं सबको अपना नया राजा मिलने वाला था दरबार में धीमे शूर में सब बात कर रहे थे और महाराज के आने का इंतजार कर रहे थे तभी एक आवाज आती है, महाराज पधार रहे हैं सब खड़े होकर महाराज का अभिवादन करते हैं महाराज अपना आसन ग्रहण करते हैं,इस उत्सव में होने वाले कार्यक्रम का आरंभ होता हैराजा के दो बेटे थे सत्यसेन और धर्मसेन जो