"खेल खेल में - जादूई"( पार्ट -६)जादूगरनी को शुभ पसंद आता है और अपने साथ शुभ को ले जाती है।यह देखकर शुभांगी दुखी हो गई।शुभांगी जादूगरनी की मंशा जान गई।उसे लगा कि शुभ को छुड़ाने के लिए जान की बाजी लगाने पड़ेगी। स्नेहा .:-" मम्मी .. इसमें क्या .. तुम दुखी मत होना। मैं जानती हूं कि आप पिताजी से प्यार करते हो।पिताजी को छुड़ाने के लिए जाना होगा। मैं मदद करूंगी। मेरे गणेश जी मेरे साथ है। मुझे गणेशजी पर भरोसा है। मम्मी जब मुझे भूख लगती तब आप कहती हैं बस दो मिनट मे मेगी बनाकर लाती हूं। बस दो