बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में हरिया नाम का एक किसान रहता था। हरिया गरीब तो था, लेकिन मेहनती बहुत था। उसके पास खेती के लिए ज़मीन ज़्यादा नहीं थी, लेकिन एक पुराना-सा गधा जरूर था जो उसका सच्चा साथी था। गधे का नाम था – गोपाल। अब भले ही गधा जानवर हो, लेकिन गोपाल कुछ अलग ही किस्म का था। वो बाकियों से थोड़ा ज़्यादा चालाक, थोड़ा बोलने में माहिर (अपने अंदाज़ में), और कभी-कभी तो अपने मालिक से भी दो कदम आगे निकल जाता। हरिया रोज़ सुबह गोपाल के ऊपर सब्ज़ियों की टोकरी