यह कहानी भारतीय समाज की उस गहरी मानसिकता को उजागर करती है, जहाँ बेटी का जन्म आज भी अभिशाप माना जाता है और बेटे को वंश का दीपक समझा जाता है। एक छोटे-से गाँव में, जहाँ हर सुबह मंदिर की घंटियों और पक्षियों की चहचहाहट से होती है, वहाँ एक झोपड़ी के भीतर एक नई ज़िंदगी जन्म लेने वाली थी। लेकिन यह जन्म खुशियों की सौगात लाने वाला था या किसी परिवार के लिए बोझ?चलिए कहानी शुरू करते है ~गाँव का नाम: बगवानीपुरबगवानीपुर, एक बहुत ही सुंदर सा गाँव था, जो पहाड़ी इलाकों के बीच बसा हुआ था। चारों ओर