भूमिका: यह पुस्तक आत्म-अन्वेषण, आध्यात्मिक जागरण और गूढ़ रहस्यों की खोज पर आधारित है। इसमें एक ऐसे पात्र की यात्रा को दर्शाया गया है, जो अपनी आंतरिक शक्ति और आत्मा के गहरे रहस्यों को समझने के लिए एक असाधारण सफर पर निकलता है। और उसको ध्यान की वह पद्दती मिलती है प्राचीन काल मे सिद्धार्थ को मिली थी जिसने उन्हे भगवान बुद्ध बनाया । अध्याय एक: खोया हुआ जीवन अध्याय दो: अजनबी से मुलाकात अध्याय तीन: ब्रह्मांड का रहस्य अध्याय चार: अवचेतन मन की शक्ति अध्याय पाँच: ध्यान की ओर पहला कदम अध्याय छ: विपासना की पहली अनुभूति अध्याय