घर के लिविंग रूम में नीचे एक लाश पड़ी हुई थी जिसके शरीर से लगभग सारा खून बह गया था, ज़ब क्षितिज ने उस लाश को गौर से देखा तो उसकी दाये हाथ की एक ऊँगली कटी हुई थी, और उस लाश के ठीक सिर के ऊपर की तरफ फर्श पर उसके खून से लिखा था -" अदभिर्गात्राणि शुध्यन्ति मनः सत्येन शुध्यतिविद्यातपोभ्यां भूतात्मा बुद्धिर्ज्ञानेन शुध्यति.. शुद्धि... शुद्धि... शुद्धि.... "और उसी के पास उस लाश की ऊँगली को जलाकर फेंक दिया था। जो पुलिस इंस्पेक्टर फॉरेंसिक टीम के साथ वहाँ मौजूद था, उसका नाम रजत था, उसने इंस्पेक्टर क्षितिज से