कामचोर

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      फांसी की सजा से भी भयभीत कर देने वाली सजा लग रही थी - चलो सब बच्चे अपना होमवर्क चेक करवा लो। मिश्रा सर की आवाज कान में पड़ते ही कक्षा छठवीं की छात्रा सुनैना का दिल धाड़ धाड़ बजने लगा।अपनी लाइन में सबसे पीछे बैठी छोटी सुनैना होमवर्क कॉपी खोजने का नाटक कर रही थी। सब बच्चे अपनी होमवर्क की कॉपी लेकर मिश्रा सर की ओर बढ़ रहे थे और मासूम   छोटी सुनैना की  होमवर्क कॉपी मिल ही नहीं रही थी या यूँ कहिए कि वह उसे पाना ही नहीं चाहती थी। होमवर्क पूरा जो  नहीं था।