हनुमंत पच्चीसी और अन्य छंद - भाषा टीका श्री हरि मोहन लाल वर्मा - 7

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हनुमंत पच्चीसी और अन्य छंद 7 'हनुमत हुंकार' संग्रहनीय पुस्तक प्रस्तुत 'हनुमत हुंकार' पुस्तक में हनुमान जी के स्तुति गान और आवाहन से सम्बंधित लगभग 282 वर्ष पहले मान कवि द्वारा लिखे गए 25 छंद हैं , जिनके अलावा उन्ही मान कवि के छह छंद ' हनुमान पंचक' के नाम से शामिल किए हैं, तथा 'हनुमान नख शिख' के नाम से 11 छंद लिए गए हैं।   रामरुखी बल को परुखी जन कौ सुमुखी मन को विदुखी सी । श्री बपु की शुभ की जप की कलुखी बिमुखी जन कौं अरुखी सी ॥ प्रेमपुखी कबि 'मान' मुखी जप जोग जुखी