शिज़िन को जितनी खुशी अपने घर आने पर थी उतनी ही चुभन इस बात से थी के बेला अब अपाहिज हो गई है। उसे उमर भर कोहनी बैसाखी पर चलना होगा। उसे इस तरह चलते हुए तस्सवुर कर के शिजिन का दिल फटने लगता। उसके दिल में एक ही सवाल चल रहा था के दुनिया का कोई डॉक्टर उसे ठीक कर सकता है या नहीं? चाहे कहीं का भी डॉक्टर ठीक कर दे उसे वहां ले जाऊंगा। जब भी उसके दिल में बेला के लिए चिंता छा जाती तब उसे फौरन रूमान के कहे वह अल्फ़ाज़ याद आ जाते "