हनुमान साठिका लेखक महात्मा बलदेव दास कृत - 4

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महात्मा बलदेव दास हनुमान साठिका 4   (भाग 4)     हनुमान चौपदी   मारन तमीचर को ताड़न शनीचर को मोहन चराचर को मूर्छन विकार है।  वशीकर लोकन को हरन सब शोकन को गैर मन्त्र रोकन को वीर बरियार है । दोष सिन्धु शोषन को खीन जन पोषन को दीनन के तोषन को धनद उदार है।  व्याघ्र अहि सिंहन को दुष्ट मुख बन्धन  को नारी गर्भ थंबन  को तेरो अवतार है ॥४१॥   बाधक उच्चाटन को बैरि फन्द काटन को गर्भ उद्घाटन को आरत अधार है।  दानौ दैत्य  यक्षन को भूत प्रेत भक्षन को रोगी बाल रक्षन को लक्षन को