गौमाता आज मेरे जीवन का सबसे बदनसीब दिन है, जब मुझे मेरे ही घर से निकाल दिया गया है और वह भी मेरे अपनों द्वारा । मैं बहुत रोई-गिड़गिड़ाई उनके सामने कि इस उम्र में मुझे घर में ही रहने दो, लेकिन किसी का दिल न पिघला । मेरे बच्चे भी मेरी यह दशा देखकर सकते में थे । पप्पू ने तो डंडे मार-मार कर मुझे घर के बाहर ठेल दिया और मेरे गले में बँधी रस्सी एक अजनबी के हाथ में थमा दी । इस समय वह मुझे बेरहमी से खींचता हुआ चला जा रहा है । मेरा दिल