पीड़ा में आनंद - भाग 11 - जीवनधारा

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 जीवनधाराजब सुभाष ने कैफे में प्रवेश किया तब शम्स और मयंक का ठहाका उनके कानों में पड़ा। उन्हें देखकर शम्स बोले,"आओ भाई सुभाष आज देर कर दी।" सुभाष ने बैठते हुए पूछा,"अभी तक रघु नहीं आया, वो तो हमेशा सबसे पहले आ जाता है।""हाँ हर बार सबसे पहले आता है और हमें देर से आने के लिए आँखें दिखाता है, आज आने दो उसे, सब मिलकर उसकी क्लास लेंगे।" मयंक की इस बात पर एक और संयुक्त ठहाका कैफे में गूंज उठा।तीनों मित्र रघु मेहता का इंतज़ार कर रहे थे। रघु ही थे जिन्होंने चारों मित्रों को फिर से एकजुट किया था।