पीड़ा में आनंद - भाग 8 - तेरी मेरी दुनिया

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 तेरी मेरी दुनिया अनिकेत उस सीट को निहारे जा रहा था जहाँ सोनम बैठती थी। वह कल्पना कर रहा था कि सोनम अभी भी वहीं बैठी है। अपना काम करते हुए बार बार अपनी लट को पीछे कर रही है।"अब सीट को क्या घूरे जा रहे हो ? उसकी शादी हो गई। अब वह ऑफ़िस भी नहीं आएगी। जब कहना था तब कुछ बोल नहीं पाए।"पीछे से आकर उसके दोस्त राकेश ने उसे धौल मारते हुए कहा। राकेश सही कह रहा था। इतने दिनों से अनिकेत मन ही मन सोनम को चाहता रहा। पर कुछ कह नहीं पाया। जब भी उसने