प्रार्थना:राजाओं में श्रेष्ठ श्रीराम सदा विजय को प्राप्त करते हैं। मैं लक्ष्मीपति भगवान् श्रीराम का भजन करता हूँ। सम्पूर्ण राक्षस सेना का नाश करने वाले श्रीराम को मैं नमस्कार करता हूँ। श्रीराम के समान अन्य कोई आश्रयदाता नहीं। मैं उन शरणागत वत्सल का दास हूँ। मैं हमेशा श्रीराम मैं ही लीन रहूँ। हे श्रीराम! आप मेरा (इस संसार सागर से) उद्धार करें।मंत्र का अर्थःधन और धर्म को एक साथ जोड़कर ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य प्राप्त होता है। बिना कर्म के कोई भी ज्ञान और पुण्य अधूरा होता है।गर्भ संवाद:— मेरे प्यारे शिशु, मेरे राज दुलार, मैं तुम्हारी माँ हूँ.......माँ