प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू। तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥ तेरा महान् तेज है, छाया हुआ सभी स्थान। सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥ तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया। ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।।अर्थः सभी सुखी हों, सभी निरोग हों, सभी मंगलमय घटनाओं को देखें और कोई भी दुःख का भागी न हो। गर्भ संवाद“मेरे बच्चे, जब से मैंने तुम्हें महसूस किया है, मेरी जिंदगी जादुई बन गई है। तुम्हारी हर हलचल मेरे दिल