गर्भ संस्कार - भाग 11 - एक्टिविटीज–10

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प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू। तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥ तेरा महान् तेज है, छाया हुआ सभी स्थान। सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥ तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया। ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽअत्मानं सृजाम्यहम्॥अर्थः हे भारत! जब भी धर्म का पतन होता है और अधर्म बढ़ता है, तब मैं अपने आप को सृजित करता हूँ।गर्भ संवाद“मेरे बच्चे! तुम्हारा भविष्य जितना सकारात्मक दृष्टिकोण से होगा, उतना ही उसमें सफलताएं होंगी। जब तुम हर परिस्थिति को सकारात्मक रूप