गर्भ संस्कार - भाग 7 - ऐक्टिविटीज़–06

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प्रार्थना:ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्भावार्थ: हम उस त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की आराधना करते है जो अपनी शक्ति से इस संसार का पालन-पोषण करते है उनसे हम प्रार्थना करते है कि वे हमें इस जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त कर दे और हमें मोक्ष प्रदान करें। जिस प्रकार से एक ककड़ी अपनी बेल से पक जाने के पश्चात् स्वतः की आज़ाद होकर जमीन पर गिर जाती है उसी प्रकार हमें भी इस बेल रुपी सांसारिक जीवन से जन्म-मृत्यु के सभी बन्धनों से मुक्ति प्रदान कर मोक्ष प्रदान करें।मंत्र:सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत।।अर्थ—