चावड़ी समारोहइस अध्याय में हम कुछ वेदान्तिक विषयों पर प्रारम्भिक दृष्टि से समालोचना कर चावड़ी के भव्य समारोह का वर्णन करेंगे। प्रारम्भधन्य हैं श्री साई, जिनका जैसा जीवन था, वैसा ही अवर्णनीय लीला विलास, और अद्भुत क्रियाओं से पूर्ण नित्य के कार्यक्रम भी। कभी तो वे समस्त सांसारिक कार्यो से अलिप्त रहकर कर्मकाण्डी से प्रतीत होते और कभी ब्रह्मानंद और आत्मज्ञान में निमग्न रहा करते थे। कभी वे अनेक कार्य करते हुए भी उनसे असंबद्ध रहते थे। यद्यपि कभी-कभी वे पूर्ण निष्क्रिय प्रतीत होते तथापि वे आलसी नहीं थे। प्रशान्त महासागर की तरह सदैव जागरूक रहकर भी वे गंभीर, प्रशान्त और