उदी की महिमा (भाग २) इस अध्याय में भी उदी की ही महत्ता क्रमबद्ध है तथा उन घटनाओं का भी उल्लेख किया है, जिनमें उसका उपयोग बहुत ही प्रभावकारी सिद्ध हुआ। डॉक्टर का भतीजानासिक जिले के मालेगाँव में एक डॉक्टर रहते थे। उनका भतीजा एक असाध्य रोग (एक प्रकार का तपेदिक) से पीड़ित था। उन्होंने तथा उनके सभी डॉक्टर मित्रों ने समस्त उपचार किये। यहाँ तक कि उसकी शल्यचिकित्सा भी कराई, फिर भी बालक को कोई भी लाभ न हुआ। उसके कष्टों का पारावार न था। मित्र और सम्बन्धियों ने बालक के माता-पिता को दैविक उपचार करने का परामर्श देकर श्री साईबाबा