बाबा की सर्प मारने पर सलाहश्री साईबाबा का ध्यान कैसे किया जाए ? उस सर्वशक्तिमान् की प्रकृति अगाध हैं, जिसका वर्णन करने में वेद और सहस्त्रमुखी शेषनाग भी अपने को असमर्थ पाते हैं। भक्तों की रुचि स्वरूप-वर्णन से नहीं। उनकी तो दृढ़ धारणा है कि आनन्द की प्राप्ति केवल उनके श्री चरणों से ही संभव है। उनके चरणकमलों के ध्यान के अतिरिक्त उन्हें अपने जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य की प्राप्ति का अन्य मार्ग विदित ही नहीं। हेमाडपंत भक्ति और ध्यान का जो एक अति सरल मार्ग सुझाते हैं, वह है—कृष्ण पक्ष के आरम्भ होने पर चन्द्र-कलाएँ दिन प्रतिदिन घटती जाती