संत श्री साईं बाबा - अध्याय 21

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इस अध्याय में हेमाडपंत ने श्री विनायक हरिश्चंद्र ठाकुर, बी. ए., श्री अनंतराव पाटणकर, पुणे निवासी तथा पंढरपुर के एक वकील की कथाओं का वर्णन किया है। ये सब कथाएँ अति मनोरंजक हैं। यदि इनका सारांश मननपूर्वक ग्रहण कर उन्हें आचरण में लाया जाए तो आध्यात्मिक पथ पर पाठकगण अवश्य अग्रसर होंगे।प्रारम्भयह एक साधारण-सा नियम है कि गत जन्मों के शुभ कर्मों के फलस्वरूप ही हमें संतों का सान्निध्य और उनकी कृपा प्राप्त होती है । उदाहरणार्थ हेमाडपंत स्वयं अपनी घटना प्रस्तुत करते हैं। वे अनेक वर्षों तक बम्बई के उपनगर बांद्रा के स्थानीय न्यायाधीश रहे। पीर मौलाना नामक एक