वकील का शोरूम - भाग 19

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"विनोद साहब।""लेकिन उनसे तुझे क्या काम है?""काम है।" वह व्यक्ति तनिक चीख-सा पड़ा- "तभी तो यहां आया हूं। भला बिना काम के कौन आता है?""लेकिन क्या काम है? कुछ पता तो चले।""मेरी घरवाली ने जहर खा लिया है।""जहर?""मेरी वजह से। मैंने उसको इतना जलील कर दिया कि उसे जहर खाना पड़ा।""वह मर गई?""वह मर जाती तो क्या मैं जिंदा रहता?""समझ गया।" गार्ड दार्शनिक अंदाज में बोला "वह पच गई और उसने तेरे खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी है। इसलिए तू मारा-मारा फिर रहा है। किसी वकील ने तेरा केस नहीं लिया तो तू बैरिस्टर विनोद के पास चला आया।""यह बात नहीं