जैसा कि आप सब जानते हैं कि ऊपर वाले ने हर चीज़ को जोड़े में बनाया है। फ़िर वो चाहे चरिन्दे हो परिंदे हो, और इंसान तो खैर है ही। लेकिन मैंने आज तक उस जोड़े का हिस्सा नहीं बन पाया। पता नही क्यूं खैर शुरू करते हैं आज के दिन से - कुछ दिनों से जिंदगी बस चल रही है, और इस संसार की सच्चाइयों से तर्रूफ करा रही है। आज का दिन वही सुबह 4 बजकर 30 मिनट से शुरू हुआ, क्योंकि रमजान का महीना चल रहा है, कहते हैं इस महीने में दुआओं के कुबूल होने के मौके