रूह से रूह तक - चैप्टर 9

  • 780
  • 303

गाड़ी एयरपोर्ट की ओर बढ़ रही थी, लेकिन अर्निका की नजरें अब भी खिड़की के बाहर टिकी थीं। वो चुपचाप शहर की उन्हीं सड़कों को देख रही थी, जहां उसकी अनगिनत यादें बसी थीं।सान्या ने हल्के से उसका हाथ थपथपाया, "क्या हुआ, कुकी? किस सोच में डूबी हो?"अर्निका ने हल्की मुस्कान के साथ सिर हिलाया, "बस यही कि अब सब कुछ बदलने वाला है... नया शहर, नए लोग... पता नहीं आगे क्या होगा।"ईनाया ने मुस्कुराते हुए कहा, "चिंता मत करो, सब ठीक होगा। और अगर कोई दिक्कत आई भी तो हम तीनों साथ मिलकर संभाल लेंगे!"अद्विक ने शीशे में उन्हें