तकदीर के दो मोड़

कॉलेज के वो दिन… जब हर दिन एक नई मस्ती, नया मज़ाक, और नए किस्सों से भरा रहता था। लड़कियों का अपना ग्रुप, लड़कों का अपना। एक-दूसरे को जानते हुए भी, जैसे कोई सीधी दोस्ती नहीं थी।एक तरफ रोमा और उसकी सहेलियाँ, जो हमेशा अपने ग्रुप में मस्त रहतीं—लड़कों की बातों पर सिर्फ हंसतीं, लेकिन कभी किसी को घास नहीं डालतीं।दूसरी तरफ लड़कों का वो नॉटी ग्रुप, जो पूरी क्लास में बदमाशियों के लिए फेमस था।तीन साल इसी तरह बीत गए। लड़कों की कोशिशें नाकाम होती रहीं, लड़कियाँ हमेशा दूर ही रहीं। लेकिन फिर भी कॉलेज के हर ग्रुप में