ख़ान सर का सपना"पटना की तंग गलियों में एक नाम हर युवा की ज़ुबान पर था—ख़ान सर। उनका असली नाम भले ही कम लोग जानते हों, लेकिन उनके पढ़ाने का तरीका और उनके मज़ेदार अंदाज़ ने उन्हें पूरे देश में मशहूर कर दिया था।शुरुआत का संघर्षख़ान सर बचपन से ही तेज़ दिमाग़ के थे, लेकिन उनका बचपन आसान नहीं था। पढ़ाई के प्रति उनकी दीवानगी इतनी थी कि जब उनके दोस्त क्रिकेट खेलते, तब वे किताबों में डूबे रहते। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन माँ-बाप ने कभी उनके सपनों पर ताले नहीं लगाए।जब वे बड़े हुए, तो