कविताएँ/गीत/मुक्तक 11 कहकर गया थाकहकर गया था लौटकर आऊँगा कजरी तीज का दिन था।गाँव के उस पार कजरी गाने वाले गा रहे थे कजरी-लछिमन कहाँ जानकी होइहैं? ऐसी विकट अँधेरिया नाँय। जाते समय बार-बार कहा था उसने लौटकर आऊँगा घर बनाऊँगा।बहुत दिन बीते मैं गिनती रही दिन वह नहीं लौटा कजरी तीज पर कजरी गाने वाले भी अब नहीं दिखते।क्या हुआ उन्हें? कौन-सा अजगर निगल गया उन्हें भी?अब न वह कजरी की थाप न कजरी की धुन क्या हुआ? सोख लिया किसने ?कितने दिन बीत गए हर कजरीतीज को कसक उठता है मन।क्यों ऐसा होता है?कोई कहकर जाता है जल्दी आऊँगा पर लौट नहीं पाता।जब वह गया था बच्चा केवल छह माह का था।अब