अपराजित - 1

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अध्याय 1 अनजान अतीत की आहट शौर्य की सामान्य ज़िंदगी शौर्य की ज़िंदगी हमेशा सामान्य रही थी। एक छोटा सा कस्बा, कॉलेज, दोस्त और एक साधारण दिनचर्या। लेकिन कुछ दिनों से उसे अजीब सपने आने लगे थे। हर रात वह खुद को किसी अंधेरे खंडहर में खड़ा पाता, जहाँ सिर्फ राख और जलती मशालें थीं। ठंडी हवा उसके कानों में अजीब सी फुसफुसाहट भर देती, जैसे कोई उसे पुकार रहा हो। कोई परछाईं उसका पीछा करती, लेकिन जब भी वह पलटता, वहाँ कुछ नहीं होता। "फिर वही सपना... इसका क्या मतलब है?" शौर्य बुदबुदाया। रात भर इन सपनों से जूझने