...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!तापस और उसके साथी.....यह देख काफी गुस्से में आ गए.....वोह सभी अब खुद उससे करने चला आए.....संभव और प्रत्यूष ने उन्हें भी मजा चखा दिया.....वोह सब अब नीचे गिरे हुए कराह रहे थे.....संभव उस सब धमकी देते हुए:आज जिंदा छोड़ दिया.....क्योंकि भाई ने ज्यादा कुछ तमाशा करने नहीं कहा था.....!!प्रत्यूष अब तक दृशा के हाथ पैर खोल चुका था.....वोह दोनों उसे लेकर चला गए.....मान्यता दृशा को इतना डरा हुआ देख.....उसके पास आकर उसे पूछती है.....की उसे क्या हुआ.....दृशा उसे गले लगा कर रोने लगती है.....मान्यता को कुछ सही नहीं लगा.....वोह संभव से पूछी:बेटा इसे क्या हुआ है.....कुछ बोल