यह कहानी एक शांतिपूर्ण गांव की है, जो एक पहाड़ी के पास स्थित था। इस गांव में लोग सरल, शांत और स्वाभाविक जीवन जीते थे। गांव के पास ही एक नदी बहती थी, जिसे गांववाले अपने जीवन का प्रतीक मानते थे। इस नदी का नाम 'जीवनधारा' था, क्योंकि इसका जल कभी नहीं रुकता था और निरंतर बहता रहता था, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।गांव के एक वृद्ध संत, जिन्हें लोग "महान गुरु" के नाम से जानते थे, गांववासियों के प्रिय थे। गुरुजी ने अपना पूरा जीवन ध्यान, साधना और प्राकृतिक तत्वों से ज्ञान प्राप्त करने में समर्पित किया था। वह