शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी हवेली थी। लोग कहते थे कि वहां अजीब घटनाएं होती हैं—रात में किसी के रोने की आवाजें आती हैं, दरवाजे खुद-ब-खुद खुलते-बंद होते हैं, और कभी-कभी कोई छायामूर्ति खिड़कियों से झांकती दिखती है। लेकिन आरव को इन सब कहानियों पर यकीन नहीं था। आरव एक लेखक था, जिसे डरावनी कहानियां लिखने का शौक था। जब उसने इस हवेली के बारे में सुना, तो वह खुद वहां जाकर सच्चाई जानना चाहता था। उसने अपने दोस्त निखिल से कहा, "अगर मैं इस हवेली में एक हफ्ता बिता सका, तो मेरी किताब का सबसे बेहतरीन अध्याय तैयार