लोगों के चिल्लाने की आवाज़ से रेन अपने बिस्तर से हड़बड़ा कर उठा। एक दफा उसे लगा जैसे वह सपना देख रहा था जहां वह एक इमारत के मलबे के नीचे बे बस पड़ा है और बाहर से बचाव कर्मियों की आवाज़ आ रही है के " कोई अंदर है? अगर है तो हमें आवाज़ लगाए" और वह खुश हो कर उनको आवाज़ देने की कोशिश करता है लेकिन ज़ख्मों के दर्द के मारे आवाज़ हलक में हो अटक अटल जाती है। बिस्तर पर बैठे उसने बड़ी बड़ी सांसे लेते हुए खिड़की की ओर देखा और फिर से आवाज़ आने के