जैसे जैसे रात जवां होती गई वैसे वैसे जंगल में वहशतनाक आवाज़ें गूंजने लगी। ज़रा सी हवा चलने पर पेड़ों के कड़कड़ा कर हिलने डुलने की आवाज़ें आती। खीड़की के बाहर झांकने से लंबे लंबे सनोबर के पेड़ धुंध की चादर ओढ़े दिखाई देते। दो दिन के बाद रेन ने इतना अच्छा खाना खाया था। खाना खाते ही उसे अपने जिस्म में ताक़त महसूस होने लगी थी। वॉशरूम गया और नहा धो कर अपने ज़ख्मों की मेहराम पट्टी करने लगा। उसे चाबुक मारा गया था इस लिए उसके पीठ में कई लंबे लंबे आकार में चमड़ी फटी हुई थी। पीठ