मंजिले कहानी सगरहे की रोचक कहानी "वो छोकरी " चंदा पर आधारत थी। समाज और नानी की बेमिसाल उलझने। सुन कर पढ़ कर खुश हो जाओगे, पर जो गम चंदा का, चंदा का ही रहेगा। चलो शुरू करे।" हा बाबू जी आपको जनक कहु जा बाबू जी। " चंदा थोड़े शर्मिंले दंग से बोली।" कुछ भी कहो, पर जरा प्यार से, श्याम के मंदिर दिखाने का जिमा हैं, चंदा तुम्हारा। " जनक थोड़ा चलते हुए खिसया कर बोला।" ये