भारत की रचना - 15

  • 327
  • 81

भारत की रचना / धारावाहिकपन्द्रहवां भागइंस्पेक्टर की इस बात पर रचना कोई उत्तर नहीं दे सकी. वह चुप हो गई तो इंस्पेक्टर ने आगे उससे कहा कि,'देखिए, मिस- मैं जानता हूँ कि आप बिलकुल ही निर्दोष हैं और इस सारे मामले से आपका केवल इतना ही सम्बन्ध है कि, आपने इस ब्रीफकेस को अपने हाथ में ले लिया. लेकिन, क्या आपने सोचा है कि, आपकी नादानी, नासमझी और आवश्यकता से अधिक अपनी कक्षा के छात्र पर विश्वास करने की भूल आपको जेल के सींखचों के पीछे कर सकती है? आप, घबराइये नहीं., मैं आपकी जितनी भी हो सकेगी, उससे भी