जंगल - भाग 30

                    (  देश के दुश्मन )                           जंगल की कड़ी से जुड़ा ये उपन्यास, तब गंभीर हो गया, ज़ब राहुल ने पूछा " निज़ाम तुम आपना समझ के आये हो, पर जहा तक आये कैसे ? " वास्तव पास बैठा सुन रहा था.. उनकी वार्ता।निज़ाम ने कहा, " राहुल आपको मैंने आपना भाई समझा हैं, इस लिए ही आया हू, अकेला.... हा एक टकला हैं , कोई माया भी होंगी, उसने  यही का अड्रेस दिया, पर साथ कोई नहीं आया।