### एपिसोड 47: **अतीत की परछाइयाँ और भविष्य की रोशनी** रात का समय था। समीरा अपने नए घर की बालकनी में खड़ी थी। ठंडी हवा उसके बालों को सहला रही थी, लेकिन उसके मन में बीते कल की गर्म लपटें अब भी महसूस हो रही थीं। सलोनी और राहुल अब उसकी जिंदगी से बाहर हो चुके थे, लेकिन उनके दिए घाव अभी भी भरे नहीं थे।#### **बीते कल की दस्तक** सुबह समीरा अपनी नई नौकरी के लिए तैयार हो रही थी, तभी उसके दरवाजे की घंटी बजी। दरवाजा खोलते ही सामने एक चिट्ठी पड़ी मिली। कांपते हाथों से उसने उसे उठाया और