धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्ध की रणभेरी बज चुकी थी। पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध का आरंभ हो चुका था, और प्रत्येक दिन इस महान युद्ध में नए अध्याय जोड़े जा रहे थे। यहीं पर एक अनोखी और रहस्यमयी कहानी भी आरंभ होती है – अर्जुन के बृहन्नला रूप की। जब पांडवों को वनवास के दौरान अपने अंतिम वर्ष में अज्ञातवास बिताने का आदेश मिला, तो उनके सामने एक नई चुनौती आ गई। उन्हें कहीं छुपकर एक वर्ष बिताना था, ताकि कोई उन्हें पहचान न सके और उनका अज्ञातवास सफल हो सके। पांडवों ने विचार किया कि वे