कारवाॅं - 2

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अनुच्छेद दोअंजलीधर मड़ई में बैठी अखबार देख रही हैं। कई राज्यों में किसानों के आत्महत्या की खबर देखकर वे चिंतित हो उठीं। सुबह के दस बजे थे, धूप बहुत तेज नहीं थी। रामसुख अपने खेत का दो विश्वा गोड़कर लौटे। अंजलीधर के पास ही बैठ गए। 'किसान आत्महत्या कर रहे हैं रामसुख।' 'बहुत मजबूरी में किसान इस तरह का कदम उठाता है माँ जी', रामसुख बोल पड़े। 'इधर मैंने कुछ रिपोर्ट देखी हैं जिसमें बताया गया है कि फसल का उचित दाम न मिल पाने तथा कर्ज़ से दबे होने के कारण किसानों ने आत्महत्या की है। कैसे ये आत्म