रौशन राहें - भाग 18 (अंतिम भाग)

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समृद्धि की ओर: एक नई सुबहकाव्या का संघर्ष अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा था। सालों की मेहनत, कठिनाइयाँ, और चुनौतियों के बाद, उसने समाज में एक गहरी और स्थायी छाप छोड़ी थी। उसके अभियान ने न केवल महिलाओं के अधिकारों को रेखांकित किया था, बल्कि समाज में समानता, सम्मान, और सहयोग की भावना को भी जगाया था। काव्या के कदम अब एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे थे – एक ऐसी दिशा, जहां समृद्धि, शांति और न्याय का सामंजस्य था।समाज की बदलती तस्वीरकाव्या का नाम अब एक प्रतीक बन चुका था – उस परिवर्तन का प्रतीक