बदलाव ज़रूरी है भाग - 10

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लीजिये पेश है इस शृंखला की दसवी एवं अंतिम कहानी जिसका शीर्षक है कंचन एक दिन कंचन ने अपनी मम्मी से कहा "क्या मम्मी...! आप मुझे मोबाइल क्यूँ नहीं लेकर देती हो...?" तभी कंचन की मम्मी ने आँगन में से सूखे हुए कपड़े उठाते हुए कहा, "कहा ना अभी तुम छोटी हो, जब बड़ी हो जाओगी तो दिला देंगे...!" "नहीं... अब मैं छोटी बच्ची नहीं हूँ, बड़ी हो गयी हूँ. मेरी सब दोस्तों के पास मोबाइल है, सिर्फ एक मेरे पास ही नहीं है" "अच्छा इस हिसाब से तो और भी अच्छा है तुम्हारे लिए, दोस्तों की चीजो का उपयोग