दर्द इमोशनल शायरी और गजलना फूलों की दुकान होती ना इश्क होता तेरी चाहत में यार मैं यूं ना बर्बाद होता दिया था वह फूल भी किताब में सूख गया तेरी याद आई तो तुझे गजलों में लिख दिया अब रात भर गजले लिखूं और उन्हें पढ़ता रहता हूं महफिलों में तेरी दास्तां में यूं ही सुनाता रहता हूं....!मोहब्बत के सफर में कुछ यूं ही होता है कोई हमको हमसे ही चुरा लेता है फिर यूं ही छोड़ जाता है हमें चाहते होती है जिनकी। देखते हैं राहे उनकी, सोचते हैं यादों में बसी बातें उनकी लेकिन फिर भी वह