इश्क दा मारा - 64

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अपनी बुआ जी की बाते सुन कर गीतिका मायूस हो जाती है और सोचने लगती है कि अब वो यूवी से कैसे मिलेगी।तभी मीरा बोलती है, "मां आप भी कैसी बाते कर रही हों, अब हम कोई बच्चे थोड़े ही है जो खो जाएंगे, और वैसे भी मैं रोज भाई के साथ इसलिए कॉलेज जाती थी क्योंकि मैं अकेली थी, मगर अब तो गीतिका आ गई है, तो फिर किस बात का डर, हम दोनों अकेले ही चले जाएंगे, आप ड्राइवर काका को भेज देना हमारे साथ "।तब गीतिका बोलती है, "जी बुआ जी, वैसे भी हम बड़े हो गए