लक्ष्मी है

लक्ष्मी है (कहानी)अध्याय 1: गाँव की बिटियाउत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव रामपुर में एक लड़की थी—लक्ष्मी। उसके पिता रामलाल एक किसान थे और माँ गंगा देवी गृहिणी। लक्ष्मी की आँखों में बड़े सपने थे, लेकिन गाँव की बेटियों के लिए पढ़ाई ज़्यादा मायने नहीं रखती थी। फिर भी, उसने ठान लिया था कि वह अपने भाग्य को खुद लिखेगी।अध्याय 2: संघर्ष की राहलक्ष्मी का सपना था कि वह शहर जाकर पढ़ाई करे, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न थी। पिता ने कहा, "बेटी, हमारे पास इतना पैसा नहीं कि तुम्हें शहर भेज सकें।" लेकिन लक्ष्मी ने हार नहीं मानी। उसने