उपन्यास: शौर्य पथअध्याय 1: एक सपना, एक लक्ष्यरात का अंधेरा गहरा था, लेकिन विशाल के मन में एक अजीब सी रोशनी थी। वह हमेशा से सेना में जाना चाहता था। उसके दादा भारतीय सेना में एक वीर सैनिक थे, जिन्होंने 1971 के युद्ध में वीरता का प्रदर्शन किया था। उन्हीं की कहानियों ने विशाल के हृदय में देशभक्ति की भावना भर दी थी।गाँव के खेतों से लेकर आर्मी भर्ती की दौड़ तक, विशाल ने खुद को हर परीक्षा के लिए तैयार किया था। जब भारतीय सेना की भर्ती निकली, तो वह अपने दोस्त अर्जुन के साथ परीक्षा देने गया। वहाँ