एक राजा विलासिता और वासना का पुजारी था। उसके लिए जीवन का सुख बस सुंदर स्त्रियों के अधरों की मधुरता और उनके यौवन की कोमलता में समाया था। नगर में कोई भी स्त्री ऐसी न थी, जिसे उसने अपने सामर्थ्य के बल पर अधीन न किया हो। **परंतु इस बार बात अलग थी।** यह उस दिन की बात है जब उसने अपने पुत्र के जन्मदिन पर एक भव्य आयोजन किया। समस्त नगर, राजा के वैभव के साक्षी बनने को उमड़ा चला आया। उन्हीं में से एक था उसका सबसे प्रिय मंत्री **आर्यन**, जो अपनी पत्नी **सुमित्रा** संग आया था। सुमित्रा... जिसका सौंदर्य किसी