शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल ( पार्ट -४६)डॉक्टर शुभम अपनी बेटी प्रांजल की बातें मान लेता है और डाक्टर रूपा को फोन करता है। अपने मन की बातें करता है और अपनी गलतियों के कारण माफी मांगता है।अब आगे डॉक्टर शुभम:-'शायद दिव्या को पता चल गया है कि तुम उसकी माँ हो और मैं उसका पिता हूँ। मैं शर्मिन्दा हूं। अपनी बेटी के सामने मेरी इज्जत नहीं रहेगी यदि जल्दी शादी नहीं करेंगे तो।यह मुझे उसकी बातचीत से महसूस हुआ कि उनको सब मालूम हो चुका होगा इसलिए शादी करने के लिए दोनों ने मुझे मना लिया है।मेरी पिछली गलतियों