जासूस और कातिल पर दोनों का मकसद जुदा जुदा क्या सच में का कत्ल मासूम हाथों से हुआ या ये सिर्फ दिखावा है। परिंदों का झुंड सर के ऊपर से फड़फड़ाते हुए गुज़र रहा था। कड़ाके की ठंड में घने धुंध में वे उड़ते हुए तो नहीं दिख रहे थे लेकिन उनके पंखों की आवाज़ बेला को अपने सिपाही साथ होने का और खुद को इन परिंदों और जानवरों की मलिका होने का यक़ीन दिला रही थी। वह तने तन्हा एक महल नुमा घर के सामने बैठी थी। सफेद ईंटों से जुड़ा हुआ हुआ महल मगर उस सफेदी में कजली छा गई थी। दीवारों पर फैली लताओं ने एक दूसरे को जकड़ लिया था। महल को हर तरफ से आसमान छूते हुए सनोबर