वकील का शोरूम - भाग 13

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दुच्चा सिंह अंजुमन को एक टॉयलेट साफ करते हुए मिला।“सरदारजी।" वह चिल्लाकर बोली - "आप ये क्या कर रहे हो?"“टॉयलेट साफ कर रहा हूं। कोई शू-शू या ची-ची करणेजाए तो उसे जगह साफ मिल सके। एक बहुत बड्डे शख्स ने कहा था, इंसान जितणा बढ़िया टॉयलेट में बैठकर सोच सकताहै, उतणा और कहीं नहीं सोच सकता।""लेकिन ये काम आपका नहीं है।""तो फिर किसका है?" दुच्चा सिंह ने आंखें निकालकरपूछा।"किसी सफाई कर्मचारी का।"“सफाई कर्मचारी कोई माइयवां आसमान से टपकता है? जिसने भी हाथ में झाडू उठा ली, बन गया सफाई कर्मचारी,जैसे कि में।""लेकिन आप तो वकील हैं?""मेरे माथे पर लिखा है,