एयरपोर्ट के बाहरी प्रांगण मे खड़े जयदीप की चौकन्नी निगाहें बाहर आने वाले यात्रियों को ध्यानपूर्वक देख रही थीं। जैसे ही लड़की का कुछ परिचित-सा चेहरा उसे कस्टम काउण्टर पर दिखाई दिया वैसे ही वह और भी अधिक सजग हो गया।शायद यही है शेफाली सोचा उसनेफिर भी यह जानने के लिए कि उसका अनुमान ठीक है या नहीं उसने बड़ी सावधानी के साथ कोट की भीतरी जेब में रखा रंगीन फोटो निकालकर देखा। फोटो से चेहरा मिलता था।तो यही है शेफाली-उसने फोटो वापिस जेब में रखते हुए मन ही मन अपने आप से कहा। पहचानने के बावजूद भीउसने उसकी ओर